Author: Himantar

हिमालय की धरोहर को समेटने का लघु प्रयास
रोटी और कोविड आपदा से जूझता आम इंसान

रोटी और कोविड आपदा से जूझता आम इंसान

समसामयिक
भावना मासीवाल आपदा में संपदा बनाना किसी से सीखना हो या विपदा को कैसे अपने हित के अनुरूप काम में लेना हो, इसमें मनुष्य सर्वोपरि प्राणी है. बहुत दूर जाने की जरूरत नहीं है, but आज हम सभी कोविड-19 के जिस भयावह दौर से गुजर रहे हैं जहाँ हर दूसरा व्यक्ति अपने प्राणों की रक्षा के लिए अन्य पर निर्भर है. ऐसे में कहीं ऑक्सीजन सिलेंडर स्टोर हो रहे हैं तो कहीं आई.सी.यू बेड तो कहीं संबंधित दवाएँ. कहीं ऑक्सीजन के ट्रक चोरी हो रहे हैं तो कहीं कोविड की दवाएं, मौजूदा हालात में स्वास्थ्य संबंधित एवं सामान्य जरूरत की चीजों के दाम एका-एक आसमान छूने लगे हैं. कोविड सरकारी तंत्र के पास सुविधाएँ नहीं है और प्राइवेट सेक्टर उसे बाज़ार और पूँजी का हिस्सा बना मुनाफ़ा कमा रहा है. इससे पूर्व भी पिछले वर्ष इसी विपदा से निपटने so और स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने के कितने ही आश्वासन और वादे किये गए थे. जिसे उसी...
जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया एवं पुलिस अधीक्षक ने आपदा प्रभावित क्षेत्र का जायजा लिया

जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया एवं पुलिस अधीक्षक ने आपदा प्रभावित क्षेत्र का जायजा लिया

चमोली
हिमांंतर ब्यूरो, चमोली जिलाधिकारी चमोली स्वाति एस. भदौरिया एवं पुलिस अधीक्षक चमोली यशवंत सिंह चौहान ने आज घाट में आपदा प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया गया एवं बादल फटने के पश्चयात क्षेत्र में हुए नुकसान का जायजा लिया. कल 04/05/2021 की सांय को घाट क्षेत्र में बादल फटने पश्चयात काफी घरों एवं दुकानों में मलबा घुस गया था, इस दौरान चौकी घाट में नियुक्त 02 पुलिसकर्मियों के निवास स्थान में भी मलबा घुस गया था.पुलिस अधीक्षक द्वारा दोनों पुलिस कर्मियों के निवास स्थानों का निरीक्षण किया गया एवं दोनों पुलिसकर्मियों को आर्थिक सहायता देने हेतु आश्वस्त किया गया. आपदा मे किसी भी प्रकार की जनहानि नहीं हुई है। आपदा प्रभावित क्षेत्र में राहत कार्य जारी है, पुलिस, SDRF एवं फायर सर्विस कर्मियों द्वारा घरों मे घुसे मलवे को साफ किया जा रहा है....
चौखुटिया ब्लॉक के कई गांव में मूसलाधार बारिश के बाद आया भारी मलबा

चौखुटिया ब्लॉक के कई गांव में मूसलाधार बारिश के बाद आया भारी मलबा

अल्‍मोड़ा
पवन तिवारी, चौखुटिया अल्मोड़ा जिले के चौखुटिया विकासखंड के कई गांवों में मूसलाधार बारिश की वजह से भारी मलबा आ गया है. यहां तमाम बरसाती गधेरे उफान पर आ गए हैं और मलबा खेतों से होते हुए घरों की तरफ बढ़ रहा है. भारी मलबे की वजह से खेत तबाह हो गए हैं और जन-जीवन अस्तव्यस्त हो गया है. ओलों और बारिश की वजह से फसल को काफी क्षति पहुंची है. कई जगहों पर घरों में भी पानी घुसने और मलबा आने की सूचना मिल रही है. द्वाराहाट बदरीनाथ हाईवे जलमग्न है और जगह-जगह भूस्खलन हुआ है. बता दें कि पूरे क्षेत्र में बुधवार को भारी बारिश हुई है जिसकी वजह से जलभराव हो गया है. सभी वीडियो: पवन तिवारी, चौखुटिया...
पंडित नेहरू में क्यों जागी थी ‘कण्वाश्रम’ को जानने की रुचि

पंडित नेहरू में क्यों जागी थी ‘कण्वाश्रम’ को जानने की रुचि

पर्यटन
कण्वाश्रम एक ऐतिहासिक स्थल है, जिसका प्राचीन और समृद्ध इतिहास रहा है. महर्षि कण्व के काल में कण्वाश्रम शिक्षा का प्रमुख केंद्र हुआ करता था. because उस समय वहां दस हजार छात्र शिक्षा लेते थे. वैदिक काल में कण्वाश्रम शिक्षा और संस्कृति कर बड़ा गढ़ था. स्वरोजगार विजय भट्ट भारत की आजादी के बाद वर्ष 1955 में रूस दौरे पर गए भारत के प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने जब रूस में महर्षि कण्व ऋषि की तपस्थली because और चक्रवर्ती सम्राट भरत की जन्मस्थली कण्वाश्रम के बारे में सुना तो उनको इस ऐतिहासिक स्थल को जानने की जिज्ञासा हुई. स्वरोजगार हुआ यूं कि प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू1955 में रूस यात्रा पर गए थे. उस दौरान उनके स्वागत में रूसी कलाकारों ने महाकवि कालिदास रचित 'अभिज्ञान शाकुंतलम' की नृत्य नाटिका प्रस्तुत की. जिससे उन्हें भी इस ऐतिहासिक स्थल के जानने की जिज्ञासा हुई. वापस भ...
चमोली के घाट बैंड बाजार में बादल फटने से आया हजारों टन मलबा

चमोली के घाट बैंड बाजार में बादल फटने से आया हजारों टन मलबा

चमोली
हिमांतर ब्यूरो, चमोली जनपद चमोली के घाट विकास खंड के मुख्य कस्बे घाट बाजार के बैंड बाजार तिराहे में अचानक बादल फटने से हजारों टन मलबा और बारिश का पानी आ गया. स्थानी ग्रामीण बताते हैं कि बादल फटने की यह घटना बैंड बाजार के उपर बिनसर की पहाड़ियों में घटित हुई. फिलहाल किसी के हताहत होने की खबर नहीं है, लेकिन दसौली की पूर्व जिला पंचायत सदस्य श्रीमती उषा रावत ने बताया कि बड़े पैमाने पर मकानों और दुकानों को नुकसान पहुंचा है. अचानक आए इस मलबे ने कई वाहनों के दबे होने भी खबर है. इस बाढ़ से जहां एक ओर पोस्ट ऑफिस घाट बैंड के ज्वैलरी की दुकान तथा कुछ अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठानों को नुकसान पहुंचा है. वहीं दूसरी ओर, बाढ़ ने पोस्ट ऑफिस को भी चपेट में ले लिया है. मौसम विभाग के अनुसार अगले ​तीन दिन देहरादून, हरिद्वार, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी में कहीं—कहीं भारी बारिश और ओलावृष्टि की आशंका है. साढ़े पां...
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित हालात का जायजा लेने पहुंचे कुमराड़ा गांव

जिलाधिकारी मयूर दीक्षित हालात का जायजा लेने पहुंचे कुमराड़ा गांव

उत्तरकाशी
नीरज उत्तराखंडी, उत्तरकाशी विकास खंड चिन्यालीसौड़ के कुमराड़ा गांव में बीते दिन अतिवृष्टि से भारी नुकसान हुआ है. मंगलवार को जिलाधिकारी मयूर दीक्षित कुमराड़ा गांव पहुंचे व हालात का जायजा लिया. जिलाधिकारी के साथ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा भी मौजूद रहे. अतिवृष्टि से लोगों के घरों के अंदर पानी व मलबा चला गया था. because जिससे करीब 300 से अधिक परिवार प्रभावित हुए है. तथा 110 हेक्टेयर कृषि भूमि व गांव के पेयजल लाइन, विद्युत, व रास्ते क्षतिग्रस्त हुए है. पशु हानि में दो भैस व दो बकरी की मृत्यु हुई है तथा दीपा देवी आदि का आवसीय भवन क्षतिग्रस्त हुआ है. जिलाधिकारी ने अधिकांश घरों का निरीक्षण किया तथा ग्रामीणों को हर सम्भव मदद का भरोसा दिया. आवसीय भवन जिलाधिकारी ने पानी व बिजली की आपूर्ति शीघ्र बहाल करने के निर्देश दिए. तात्कालिक व्यस्था के लिए टैंकरों से  पानी की व्यवस्था करने के निर्देश जल ...
कोरोना और हमारा दायित्व 

कोरोना और हमारा दायित्व 

साहित्‍य-संस्कृति
प्रो. गिरीश्वर मिश्र आजकल नए-नए अकल्पनीय दृश्यों  के साथ हर दिन का पटाक्षेप हो रहा है.  कोरोना पीड़ितों की बेशुमार होती संख्या के साथ मृत्यु का अनियंत्रित तांडव खौफनाक होता जा रहा है. इसका व्यापक अस्तित्व किसी के बस में नहीं है पर इसके समाधान के लिए जो करणीय है उसको देख सुन कर यही लगता है कि हम वह सब ठीक ढंग से नहीं कर पा रहे हैं जो इस दौरान जरूरी था.  इस बीच हमने बहुतों को खो दिया. यह सब तब हुआ जब स्पेन, इटली, ब्राजील because और अमेरिका जैसे देशों के खौफनाक मंजर सारी दुनिया के सामने थे, चिकित्सा विज्ञान के शोध अनुसंधान के परिणाम भी थे और भारत की तैयारी की जानकारी क्या है यह भी मालूम थी. यह जरूर है कि स्थिति की भयानकता का शायद अच्छी तरह पूर्वानुमान नहीं लगाया गया था. आज बढ़ते तनाव और दबाव के माहौल  में जब आर्थिक संसाधन भी सिमटते जा रहे हैं, बेरोजगारी और मंहगाई बढ़ती जा रही है आम आदमी ...
मलबे की चपेट में आया  मैक्स वाहन, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी में फटे बादल

मलबे की चपेट में आया  मैक्स वाहन, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी में फटे बादल

रुद्रप्रयाग
हिमांतर ब्यूरो, रुद्रप्रयाग/उत्तरकाशी उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों में बादल फटने की घटनाएं हुई हैं. रुद्रप्रया के नरकोटा और सम्राट होटल के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग पर ऊपर पहाड़ी पर बादल फटने से अत्यधिक because मलबा आने की खबर है. बताया जा रहा है कि इस मलबे की चपेट में एक मैक्स वाहन UK07R7318 आ गया था, जिसमें कि वाहन चालक सहित कुल 4 लोग सवार थे, जिनको कि स्थानीय लोगों की मदद से सुरक्षित निकाल लिया गया तथा वाहन मलबे के साथ बहकर नदी किनारे चला गया है. स्वरोजगार मौके पर पुलिस उपाधीक्षक गुप्तकाशी, because उपजिलाधिकारी रुद्रप्रयाग, प्रभारी निरीक्षक कोतवाली रुद्रप्रयाग, कोतवाली रुद्रप्रयाग पुलिस, एसडीआरएफ, फायर सर्विस, डीडीआरएफ की टीमें मौजूद हैं. राष्ट्रीय राजमार्ग को खोलने और यातायात सुचारू किए जाने का प्रयास किया जा रहा है, जेसीबी कार्य कर रही है. स्वरोजगार आज शाम राष्ट्र...
संघर्ष, साहस, संयम और साहित्य के साधक

संघर्ष, साहस, संयम और साहित्य के साधक

पुस्तक-समीक्षा
डॉ. अरुण कुकसाल ‘सामाजिक जीवन में आम नागरिकों के साथ, मनसा-वाचा-कर्मणा अन्याय/अव्यवस्था के विरोध में मैं हमेशा खड़ा रहता हूं. (‘मेरा जीवन प्रवाह‘ आत्मकथा, चमन लाल प्रद्योत, पृष्ठ-233) जीवन पृष्ठभूमि बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी वरिष्ठ आई.पी.एस. अधिकारी एवं साहित्यकार श्री चमन लाल प्रद्योत का जन्म 3 मई 1936 को ग्राम- भीमली तल्ली (पालसैंण तोक), पट्टी- पैडुलस्यूं, जनपद- पौडी गढवाल में हुआ. प्रद्योत के पिता बूथा लाल और माता दीपा देवी का एक सामान्य किसान परिवार था. जब प्रद्योत लगभग तीन साल के थे because तो उनके माता-पिता सपरिवार पालसैंण तोक छोड़ कर गोदीगदना तोक में नया मकान बना कर रहने लग गये.  अन्य ग्रामीणों की तरह ही खेती, पशुपालन के साथ राजमिस्त्री के कार्य से परिवार का भरण-पोषण होता था. स्वरोजगार शिक्षा विकट आर्थिक अभावों के रहते हुए प्रद्योत अपनी 9 साल की उम्र तक स्कूल नहीं जा पाये...
खतरे में है मिठास

खतरे में है मिठास

ट्रैवलॉग
मधुमक्खी में 170 प्रकार की रासायनिक गंध को पहचानने की क्षमता होती है. इसकी खासियत यह है कि यह 6 से 15 मील प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ती हैं. जिस तरह से वन घट रहे because हैं उसका प्रभाव मधुमक्खियों पर भी पड़ा है. उनकी संख्या में निरंतर गिरावट आ रही है. मंजू काला मधुमक्खियां न केवल पौष्टिक शहद देती हैं, बल्कि हिमालय की जैव विविधता और पर्यावरण संतुलन में भी इनकी अहम भूमिका रहती है. लेकिन अब कीटनाशकों के because अंधाधुंध इस्तेमाल और जंगलों की आग ने मधुमक्खियों के जीवन के लिए संकट खड़ा कर डाला है. इसका शहद उत्पादन पर भी बुरा असर पड़ रहा है. हालात यह है कि एक समय पहाड़ में जहां 10 कुंतल शहद का उत्पादन होता था, वहां आज बड़ी मुश्किल से एक कुंतल शहद ही मिल पा रहा है. पलायन का भी शहद उत्पादन पर बड़ा असर पड़ा है! स्वरोजगार कभी कीटनाशक रसायन, कभी आसमानी ओले तो कभी भोजन की कमी के चलते मधुमक्खि...