Author: Himantar

हिमालय की धरोहर को समेटने का लघु प्रयास
पलायन रोकथाम के लिए बनेगी अल्प, लघु और दीर्घकालिक योजनाएं

पलायन रोकथाम के लिए बनेगी अल्प, लघु और दीर्घकालिक योजनाएं

चमोली
उत्तराखंड के प्रवासी नागरिकों के सुझाव भी किए जाएंगे शामिल गैरसैंण (भराड़ीसैंण). उत्तराखंड राज्य में पहाड़ों से हो रहे पलायन को रोकने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को विधानसभा परिसर भराडीसैंण में पलायन निवारण आयोग की अहम बैठक हुई. जिसमें पलायन के प्रमुख कारणों पर चर्चा के साथ ही इसके निवारण हेतु बुनियादी जरूरतों को पूरा करने पर मंथन किया गया. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार पलायन की समस्या को लेकर गंभीर है और इसे रोकने के लिए कई योजनाओं पर कार्य कर रही है. राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और आधारभूत ढांचे के विकास हेतु निरंतर कार्य कर रही है. शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ किया जा रहा है. स्थानीय स्तर पर सामुदायिक विकास कार्यक्रमों के माध्यम से भी युवाओं स्वरोजगार से जोड़ने का काम किया जा रहा है. पिछले तीन वर्षो में स्वरोजगार के...
अब ‘रिंगाल मैन राजेंद्र बंडवाल’ ने रिंगाल से बना ब्रहमकमल मुख्यमंत्री को किया भेंट

अब ‘रिंगाल मैन राजेंद्र बंडवाल’ ने रिंगाल से बना ब्रहमकमल मुख्यमंत्री को किया भेंट

उत्तराखंड हलचल
अभी तक जनपद चमोली या प्रदेश के उद्योग विभाग, पर्यटन और संस्कृति विभाग द्वारा वर्तमान तक सम्मानित और पुरुष्कृत न किया जाना दुखद जे पी मैठाणी  उत्तराखंड की स्थाई राजधानी गैरसैण (भरारीसैण) में आयोजित पलायन निवारण आयोग की बैठक ओर राज्यस्तरीय ग्रामीण उद्यमिता विकास कार्यशाला में जनपद चमोली के विकास खंड दशोली गाँव के निवासी राजेंद्र बंडवाल जिनको रिंगाल मैंन के नाम से भी जाना जात है ने- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को- देव रिंगाल (जिसको अंग्रेजी में अरुंडीनेरिया फलकाटा या हिमालयन बम्बू) के नाम से जाना जाता है से बनाया गया राज्य पुष्प - ब्रह्म कमल ( सोसुर्या ओब्वेलेटा ) की प्रतिकृति भेंट की. इस रिंगाल कृति को बनाने में किल्मोड़ और अखरोट के प्राकृतिक रंगों का उपयोग कर रिंगाल मैन राजेंद्र बंडवाल ने प्राकृतिक और स्थानीय संसाधन आधारित स्वरोजगार को आगे बढाने का प्रयास किया है. रिंगालमैन का उदाहरण द...
उत्तराखंड में जल्द लागू होगा सशक्त भू-कानून, मुख्यमंत्री धामी ने भराड़ीसैंण में की बैठक

उत्तराखंड में जल्द लागू होगा सशक्त भू-कानून, मुख्यमंत्री धामी ने भराड़ीसैंण में की बैठक

उत्तराखंड हलचल
हिमांतर ब्यूरो विधानसभा भवन भराड़ीसैंण में आयोजित एक बैठक में शामिल हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में सख्त भू-कानून के सम्बन्ध में भू-कानून के लिए बनाई गई समिति एवं अन्य पूर्व उच्चाधिकारियों एवं बुद्धिजीवियों के साथ भू-कानून के ड्राफ्ट पर चर्चा की. बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार भू कानून को लेकर गंभीर है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में लागू होने वाले भू-कानून को जन भावनाओं के अनुरूप बनाए जाने की दिशा में काम कर रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि चर्चा के दौरान बहुत से अच्छे सुझाव आए हैं, जिन्हें भू-कानून में शामिल किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि एसडीएम और तहसीलदार स्तर पर भी भू-कानून को लेकर जनता से सुझाव लिए जाएंगे, जिनमें से अच्छे सुझावों को इसमें शामिल किया जाएगा. एक सशक्त भू-कानून का ड्राफ्ट स्थानीय लोगों की आवश्यकताओं और विकास के पहलुओं को ध्यान में रखते ह...
उत्तराखंड हिमालय की धार्मिक और सांस्कृतिक परम्पराओं का प्रतीक  है: छोटी दीवाली और इगास

उत्तराखंड हिमालय की धार्मिक और सांस्कृतिक परम्पराओं का प्रतीक है: छोटी दीवाली और इगास

लोक पर्व-त्योहार
जे पी मैठाणी  ऐ- ध्यान धोरया - यी राखुडी- कांणसी बग्वाल मतलब छ्वोटी दीवाली का दिन ख्वोली कणी ग्वोरू का पुछडा पर बाँधण च ( हे ध्यान रखना सब लोग - ये जो तुम्हारे हाथों पर राखियाँ बांधी जा रही है , ये छोटी दिवाली के दिन काटकर गाय के पूछ पर बाँध देनी हैं.  - ध्यान रखना- ये कोई और नहीं मेरी माँ ( श्रीमती विशेश्वरी देवी )  रक्षाबंधन के दिन हमको - बार बार बोल देती थी , और आज भी मैंने अपनी मां को फ़ोन करने की कोशिश की लेकिन अभी रात बेहद हो गयी तो बात नहीं हो पायी ! उस दौर में समस्या यह थी की उस जमाने में स्पंज से बनी राखियाँ जल्दी ही पानी सोखकर टूट जाती थी,  और सिर्फ सामान्य धागे वाली राखी पसनद नहीं आती थी ! आस पास के गांवों से जो पंडित जी भी आते थे उनकी हल्दी  और लाल पिठाईं में रंगी गयी राखियों से सारी हथेलियाँ रंग जाती थी और स्कूल में लिखते वक्त नोट बुक पर राखियों का वो कच्चा रंग लग जाता था ! घर...
देहरादून में दर्दनाक सड़क हादसा, ट्रक और कार की टक्कर, छह छात्रों की मौत

देहरादून में दर्दनाक सड़क हादसा, ट्रक और कार की टक्कर, छह छात्रों की मौत

देहरादून
हिमांतर ब्यूरो राजधानी देहरादून में ट्रक और इनोवा कार की टक्कर में छह युवकों की मौत हो गई. जबकि एक घायल को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मौके पर पहुंची पुलिस ने शवों को क्षतिग्रस्त गाड़ी से निकालकर अस्पताल पहुंचाया. बताया जा रहा है कि कार सवार सभी छात्र थे. प्राप्त जानकारी के मुताबिक देर रात ओएनजीसी चौक पर ट्रक और इनोवा कार की टक्कर हो गई. हादसे में छह युवकों की मौत हो गई, जबकि एक युवक घायल है. हादसा इतना भीषण था कि कार के परखच्चे उड़ गए. चालक ट्रक छोड़कर मौके से फरार हो गया. मौके पर पहुंची पुलिस ने क्षतिग्रस्त कार से पांच छात्रों के शव दून अस्पताल और एक का शव महंत इंद्रेश अस्पताल भेजा. छात्र देहरादून और हिमाचल के थे. इनमें से दो युवतियां और तीन युवक थे. तीन मृतकों के शवों को दून अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया है. जबकि बाकी को जगह नहीं होने पर इंद्रेश अस्पताल भेजा गया है....
हरिबोधनी एकादशी यानी ‘बुढ़ दिवाई’ अथवा ‘इगास’

हरिबोधनी एकादशी यानी ‘बुढ़ दिवाई’ अथवा ‘इगास’

लोक पर्व-त्योहार
चन्द्रशेखर तिवारी दीपावली पर्व के बाद जो एकादशी आती है वह  सामान्यतः हरिबोधनी एकादशी  के नाम से जानी जाती है. इस एकादशी को उत्तराखंड के गढ़वाल अंचल में 'इगास' और कुमाऊं में 'बुढ़ दिवाई' (बूढ़ी दिवाली) कहा जाता  है. धार्मिक मान्यतानुसार  इस दिन चार माह के चार्तुमास में क्षीरसागर में योगनिद्रा में सोने के पश्चात भगवान श्रीबिष्णु जाग्रत अवस्था में आ जाते हैं. परम्परागत रूप से कुमाऊं अंचल में दीपावली का पर्व तीन स्तर पर मनाया जाता है.  सबसे पहले कोजागरी यानी शरद पूर्णिमा की छोटी दिवाली के रूप में बाल  लक्ष्मी की पूजा होती है, फिर मुख्य अमावस के दिन की दिवाली को युवा लक्ष्मी का पूजन होता है. चूंकि की इस अवधि में भगवान विष्णु निद्रा में रहते हैं सो अकेले  ही माता लक्ष्मी के पदचिन्ह  'पौ' की छाप  ऐपणों के साथ  दी जाती है. जबकि अंतिम तीसरी चरण की दिवाली बुढ़ दिवाई  (बूढ़ी दिवाली) के रुप में मनाई जाती...
अब कहां कौन किसी को पहचानता है!

अब कहां कौन किसी को पहचानता है!

संस्मरण
अनीता मैठाणी कुछ दिनों से बाहर एक्टिवा से आते-जाते हुए चीनी मिट्टी के चाय के कप के गुच्छों से लदी साइकिल दिख जाया कर रही थी। आज एटीएम के बाहर वैसी ही एक साइकिल खड़ी दिखी और उसके ठीक बगल में साइकिल वाला मुंह लटकाये बैठे दिख गया तो मैंने ब्रेक लगाकर एक्टिवा सड़क के दूसरी ओर रोक दी और उसके पास जाकर पूछा क्या हुआ तबियत तो ठीक है आपकी? वह एक फ़ीकी मुस्कान मुस्कुरा दिया बोला थोड़ा थक गया था और तबियत भी ठीक नहीं रहती इसलिए रूक-रूक कर चलता हूं। उम्र रही होगी यही कुछ 60-62। मैंने कहा- चाय-वाय पी लीजिए कुछ आराम मिलेगा। तो उन्होंने बड़ी आत्मीयता से कहा नहीं-नहीं उसकी जरूरत नहीं है। वो पिछले साल स्टेंट (हृदय की शिराओं में पड़ने वाला स्टंट) पड़ा था तब से थोड़ा थक जाता हूँ साइकिल चलाते हुए बस्स। अब मैंने पूछा आपका नाम क्या हुआ, वो बोले युनूस। मैंने कहा मैं आपको थोड़ा मदद करूं तो आप बुरा तो नहीं मानेंगे। वो बो...
मां गंगा के घाटों में प्रज्वलित किए गए 3 लाख 51 हजार दीप

मां गंगा के घाटों में प्रज्वलित किए गए 3 लाख 51 हजार दीप

देहरादून
मुख्यमंत्री ने किया मां गंगा का पूजन, दीपोत्सव में शहीदों के निमित्त जलाया दीया, 500 ड्रोन से भव्य शो रहा आकर्षण का केन्द्र, कन्हैया मित्तल के भजनों पर झूमे श्रद्धालु हर की पैड़ी, हरिद्वार में आयोजित गंगा दीप महोत्सव कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मां गंगा की पूजा अर्चना एंव गंगा आरती में सम्मलित होकर प्रदेश की सुख समृद्धि एवं तरक्की की कामना की. इस दौरान हर की पैड़ी स्थित पुलिस चौकी का लोकार्पण भी मुख्यमंत्री द्वारा किया गया.  उन्होंने हरकी पैड़ी में राज्य की परंपरा आध्यात्मिकता और नैसर्गिकता, सनातन संस्कृति, श्री बद्रीनाथ धाम, श्री केदारनाथ धाम, कुंभ कलश, भगवान शिव, मां गंगा पर आयोजित हुए ड्रोन शो का भी अवलोकन किया. अल्मोड़ा बस हादसे में हताहत हुए लोगों की याद एंव राज्य स्थापना दिवस की वर्षगांठ में दीप प्रज्वलित किया. मुख्यमंत्री की उपस्थिति में हर...
उत्तराखंड के दो शहरों में कूड़े से बनने लगी है बिजली

उत्तराखंड के दो शहरों में कूड़े से बनने लगी है बिजली

देहरादून
ईकोलॉजी और इकोनॉमी संतुलन को लेकर रंग ला रहे हैं सीएम पुष्कर सिंह धामी के प्रयास शहरों में कूड़ा प्रबंधन अपने आप में एक चुनौती पूर्ण कार्य है। बढ़ते आबादी से शहरों में कूड़ा उत्पादन दिनों - दिन बढ़ रहा है, इस कारण नगर निकायों के सामने, स्वच्छता से लेकर पर्यावरण प्रदूषण की भी चुनौती पेश आ रही है। लेकिन उत्तराखंड के दो निकायों ने अब इस कूड़े से बिजली और खाद उत्पादन शुरू कर, नई राह दिखाई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विभागों को इकोलॉजी और इकोनॉमी में संतुलन बनाते हुए, विकास की योजना बनाने को कहा है। इसी क्रम में शहरी विकास विभाग के अधीन रुद्रपुर नगर निगम और मसूरी नगर पालिका ने वेस्ट टू एनर्जी पॉलिसी के तहत कूड़े के ढेर से बिजली उत्पादन शुरू कर दिया है। रुद्रपुर नगर निगम ने तो इसके जरिए वर्षों पुराने कूड़े के ढेर का भी निस्तारण कर दिया है। रुद्रपुर नगर निगम 40 वार्ड वाले रुद्रपुर नग...
पर्वतीय राज्य का  स्वप्न 24 वर्षों के बाद भी रहा अधूरा

पर्वतीय राज्य का  स्वप्न 24 वर्षों के बाद भी रहा अधूरा

उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस, उत्तराखंड हलचल, समसामयिक
प्रकाश उप्रेती सहायक प्रोफेसर, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली उत्तराखंड 25वें वर्ष में प्रवेश कर चुका है। 9 नवंबर की तारीख़ पर्वतीय राज्य का सपना देखने वालों के लिए ऐतिहासिक महत्व की है। उत्तर प्रदेश पुनर्गठन विधेयक- 2000 को 1 अगस्त की देर शाम जब लोक सभा ने ध्वनिमत से पारित किया तो देश के नक्शे पर 27वें राज्य के रूप में उत्तराखंड (पर्वतीय राज्य की माँग के साथ) बनने का रास्ता साफ हुआ। 10 अगस्त को इस बिल को मंजूरी देने के पश्चात राष्ट्रपति ने 28 अगस्त , 2000 को राज्य के गठन की अधिसूचना जारी कर दी थी। अटल बिहारी बाजपेयी जी की सरकार ने 1 नवंबर, 2000 को उत्तराखंड की पहली सरकार गठन करने का फैसला किया, लेकिन पता चला कि उक्त दिन "ग्रह नक्षत्रों" के हिसाब से "शुभ" नहीं है। "शुभ" की आशा में 9 नवंबर, 2000 को नए राज्य ने आकार ग्रहण किया। मानवजनित आपदाओं के प्रकोप से काँपते हुए जवानी की दहलीज तक पहुं...