- हिमांतर ब्यूरो
भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने 1999-2000 तक किबिथु में कर्नल के रूप में अपनी बटालियन 5/11 गोरखा राइफल्स की कमान संभाली और क्षेत्र की सुरक्षा संरचना को मजबूत करने में
महत्वपूर्ण योगदान दिया. उनकी दूरदर्शिता ने क्षेत्र में ढांचागत विकास और सामाजिक विकास को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे स्थानीय आबादी को बहुत फायदा हुआ. उनकी उत्कृष्ठ सेवाओं के लिए सीडीएस दिवंगत जनरल बिपिन रावत को 10 सितम्बर 2022 को सम्मान दिया गया. अरुणाचल प्रदेश के किबिथु में एक सैन्य स्टेशन और सड़क को उनका नाम दिया गया.ज्योतिष
भारतीय सेना के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ दिवंगत जनरल बिपिन रावत को 10 सितम्बर 2022 को सम्मान दिया गया. अरुणाचल प्रदेश के किबिथु में एक सैन्य स्टेशन और सड़क को उनका नाम दिया गया. किबिथु भारत के पूर्वी हिस्से में लोहित घाटी के तट पर बसा एक छोटा सा गांव है. अरुणाचल प्रदेश के अंजॉ जिले के तहत एक सर्कल, किबिथु भी वास्तविक नियंत्रण रेखा की रक्षा करने वाली
भारतीय सेना का एक महत्वपूर्ण सैन्य शिविर है. भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने 1999-2000 तक किबिथु में कर्नल के रूप में अपनी बटालियन 5/11 गोरखा राइफल्स की कमान संभाली और क्षेत्र की सुरक्षा संरचना को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया. उनकी दूरदर्शिता ने क्षेत्र में ढांचागत विकास और सामाजिक विकास को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे स्थानीय आबादी को बहुत फायदा हुआ.ज्योतिष
सीडीएस जनरल बिपिन रावत की 8 दिसंबर 2021 में असामयिक निधन हो गया था. उनकी निस्वार्थ सेवा का सम्मान करने के लिए राज्य सरकार के आदेश पर 10 सितंबर 2022 को किबिथु में एक सम्मान समारोह आयोजित किया गया. इसमें अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल ब्रिगेडियर बीडी मिश्रा, मुख्यमंत्री पेमा खांडू, पूर्वी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राणा प्रताप कलिता, लेफ्टिनेंट जनरल (रि) अनिल
चौहान ने एक समारोह में 22 किलोमीटर लंबी सड़क का नाम जनरल बिपिन रावत के नाम पर रखा. यह सड़क वालोंग से किबिथू को जोड़ती है. इस कार्यक्रम में जनरल रावत की बेटियां कृतिका और तारिणी के अलावा कई वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए.ज्योतिष
वहीं किबिथु सैन्य शिविर का नाम बदलकर जनरल बिपिन रावत मिलिट्री गैरीसन कर दिया गया. जिसमें स्थानीय पारंपरिक स्थापत्य शैली में निर्मित एक भव्य द्वार बनाया गया है जिसका उद्घाटन राज्यपाल ब्रिगेडियर बीडी मिश्रा द्वारा
किया गया. वालोंग से किबिथु तक 22 किलोमीटर की सड़क को अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू द्वारा जनरल बिपिन रावत मार्ग के रूप में समर्पित किया. इस अवसर पर जनरल बिपिन रावत के एक राजसी आदमकद चित्र का भी अनावरण किया गया.ज्योतिष
गौरतलब रहे कि 8 दिसंबर 2021 में जनरल बिपिन रावत के असामयिक निधन हो गया था जिससे देश को अपूरणीय क्षति हुई. इस समारोह में किबिथु और वालोंग के नागरिकों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया. इस समर्पण
समारोह ने नागरिक-सैन्य संबंधों में और तालमेल बिठाया है और यह भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ को एक सच्ची श्रद्धांजलि है.सीडीएस जनरल रावत का मानना था कि पाकिस्तान से बड़ा खतरा हमारे लिए चीन है. जनरल बिपिन रावत ने कहा था कि पाकिस्तान भारत का नंबर वन दुश्मन नहीं बल्कि चीन है. वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत का प्राथमिक
फोकस डी एस्केलेशन से पहले विघटन है क्योंकि चीन हमारा नंबर एक दुश्मन है, न कि पाकिस्तान. जनरल रावत ने कहा था कि भारत को आने वाले समय में दो मोर्चों पर दुश्मनों का सामना करना पड़ सकता है. विश्व शक्ति बनने की चीन की चाह ने दक्षिण एशिया में स्थिरता के लिए गंभीर खतरा पैदा कर दिया है.ज्योतिष
जनरल रावत ने कहा कि एक
उभरती हुई विश्व शक्ति के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए चीन दक्षिण एशिया और हिंद महासागर में अपनी व्यापक पैठ बना रहा है. म्यांमार और बांग्लादेश में चीन की घुसपैठ भारत के राष्ट्रीय हितों के लिए ठीक नहीं है, क्योंकि यह भारत को घेरने का प्रयास है. इससे दक्षिण एशिया में स्थिरता के लिए खतरा पैदा हो गया है.ज्योतिष
जनरल रावत के बयान से आम भारतीय को भरोसा दिलाया कि भारत किसी भी स्थिति के लिए तैयार है. उन्होंने चीन को भारत के लिए सुरक्षा के लिहाज से सबसे बड़ा खतरा बताया था. जनरल रावत ने चीन को लेकर
कुछ ऐसा कहा कि चीन को बहुत बुरा लगा. तिलमिलाए चीन रावत के बयान पर कहा, भारतीय अधिकारी बिना किसी कारण के तथाकथित ’चीनी सैन्य खतरे’ पर अटकलें लगाते हैं, जो दोनों देशों के नेताओं के रणनीतिक मार्गदर्शन का गंभीर उल्लंघन है कि चीन और भारत एक दूसरे के लिए खतरा नहीं हैं. चीन भले ही कुछ भी कहता रहे अपने पक्ष में, पर यह बात साफ है कि भारत के सामने असली चुनौती चीन की ही है.