जिला पंचायत सदस्य व जिला नियोजन समिति टिहरी के सदस्य
अमेन्द्र बिष्ट ने पहनी ‘आप’ की टोपी
- इन्द्र सिंह नेगी, देहरादून
टिहरी में कांग्रेस के ओबीसी प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष,
जनपद में कांग्रेस का सक्रिय युवा, जानकार, संवेदनशील व लगभग सभी वर्गो में समान रूप से लोक प्रिय चेहरा जिला पंचायत सदस्य व जिला नियोजन समिति टिहरी के सदस्य अमेन्द्र बिष्ट ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया की उपस्थिति में कांग्रेस को अलविदा कह विधिवत् आम आदमी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर टोपी पहन ली है. अमेन्द्र बिष्ट के इस दाव से कयास लगाया जा सकता है कि वे विधानसभा चुनाव- 2022 में धनोल्टी विधानसभा से प्रत्याशी होगें.विधानसभा
अमेन्द्र पिछले कुछ समय से
गोपनीय ढंग से अपनी टीम की राय लेने में व्यस्त थे, भाजपा में पहले से ही नेताओं की लम्बी फेहरिस्त है जहां उनके लिए कोई सम्भावना नजर नहीं आ रही थी इसलिए उन्होंने आम आदमी पार्टी का दामन थामना उचित समझा.
विधानसभा
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के बेहद
नजदीकी रिश्तेदार डाक्टर विरेन्द्र सिंह रावत की धनोल्टी विधानसभा से अघोषित दावेदारी व प्रदेश नेतृत्व द्वारा कथित हरी झण्डी के बाद अमेन्द्र क्षुब्ध नजर आ रहे थे. प्रीतम सिंह के प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस बनने के पश्चात खुद को अलग-थलग महसूस कर रहे थे जबकि लोकसभा चुनाव में अमेन्द्र ने उनके लिए जमकर काम किया, बहुत बार प्रीतम खेमे से नजदीकी बनाने के प्रयास भी हुए लेकिन इसका कोई असर प्रदेश नेतृत्व पर होता नजर नहीं आया इसलिए वो कुछ समय से उपयुक्त विकल्प की तलाश में थे जो शायद आम आदमी पार्टी में नजर आया.विधानसभा
अमेन्द्र पिछले कुछ समय से गोपनीय ढंग
से अपनी टीम की राय लेने में व्यस्त थे, भाजपा में पहले से ही नेताओं की लम्बी फेहरिस्त है जहां उनके लिए कोई सम्भावना नजर नहीं आ रही थी इसलिए उन्होंने आम आदमी पार्टी का दामन थामना उचित समझा.विधानसभा
ज्ञात हो कि अमेन्द्र बिष्ट लगातार दो बार
से जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित हुए, इस बार जिला पंचायत सदस्य चुनाव में भाजपा की चूक के कारण राजनीतिक समीकरण ऐसे बने कि उन्हे निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया. छात्र राजनीति से शुरू हुआ सफर पत्रकारिता से होकर क्षेत्रीय राजनीति तक पहुंच चुका है, अमेन्द्र बेहतर समझ-बूझ, हर समय लोगों के लिए उपलब्ध रहने वाला व जनसम्पर्क में निपुण टिहरी के सबसे सक्रिय जिला पंचायत सदस्यों में से है, उम्मीद कर सकते है कि वो जनप्रतिनिधित्व के क्षेत्र में बेहतर नजीर प्रस्तुत करेगें.