- शशि मोहन रवांल्टा
उत्तराखंड के सीमांत जनपद उत्तरकाशी के नौगांव ब्लॉक के तुनाल्का गांव में जन्में जगमोहन बिजल्वाण दिल्ली में एक सफल उद्यमी हैं. अपने उत्साह, संघर्ष और कारोबारी सोच की बदौलत उन्होंने खुद का सफल बिजनेस खड़ा किया. वह कहते हैं कि एक सफल कारोबार के लिए सबसे अहम है- जीवन में जोखिम लेना और बाधाओं से बिल्कुल भी नहीं घबराना. अक्सर उद्यमी सोच के युवा भी आराम दायक नौकरी और भविष्य को सुरक्षित करने के चक्कर में अपनी रचनात्मकता और कारोबारी प्रतिभा को मार लेते हैं, जबकि होना इसके उलट चाहिए. युवाओं को अपनी प्रतिभा का उपयोग स्वरोजगार के लिए करना चाहिए, क्योंकि हम जिस वक्त में रह रहे हैं यह उद्यमशीलता का वक्त है. जो युवा जोखिम उठाते हैं, उनको सफलता जरूर मिलती है.
स्वरोजगार
कंपनी सेक्रेटरी की नौकरी छोड़ खड़ा किया बिजनेस
जगमोहन बताते हैं कि वह एक बड़ी कंपनी में कंपनी सेक्रेटरी लीगल हेड के पद पर थे. सैलरी और सुविधा सब बहुत अच्छी थी, लेकिन मन में संतुष्टि नहीं थी. हर वक्त लगता था कि अपना कुछ करना चाहिए. जब पत्नी के साथ यह बात साझा की तो उनका भरपूर सहयोग मिला और वह भी कंपनी सेक्रेटरी की नौकरी छोड़ व्यवसाय
खड़ा करने में साथ आ गईं. इस तरह कारोबार की शुरुआत हुई. पहले एफएमसीजी उत्पादों को बेचा, लेकिन फिर लगा कि मैं जहां से आता हूं वहां हर्बल का बेहद महत्व है और हर्बल को ही क्यों न कारोबार के लिए चुना जाए, ताकि भविष्य में अपने क्षेत्र के लोगों और उनके स्थानीय उत्पादों के लिए भी कुछ किया जा सके.स्वरोजगार
वैसे भी तमाम बड़ी कंपनियां हर्बल नेचुरल उत्पादों को बेहद महंगे दामों पर बेचती हैं, ऐसे में आम आदमी सोचता है कि हम इन उत्पादों को नहीं खरीद सकते. जबकि, ऐसा नहीं है. ग्राहक कम
दाम में भी अच्छी गुणवत्ता वाले हर्बल नेचुरल उत्पादों को खरीद सकता है और उनका उपयोग कर सकता है. इसके साथ ही हर्बल नेचुरल प्रोडक्ट्स के साथ है यह भी है कि अगर आप अच्छी क्वालिटी नहीं देंगे, तो आपको कस्टमर्स का सपोर्ट नहीं मिलेगा. इसलिए, हमने सोचा कि अच्छी क्वालिटी पॉकेट फ्रेंडली दाम में देंगे, ताकि सामान्य उत्पाद और ऑर्गेनिक के बीच दामों के इस लंबे गैप को कम किया जा सकें.स्वरोजगार
आप खुद देख सकते हैं कि हमारे पहाड़ में जो हर्ब ऐसे ही जंगलों में पाए जाते हैं, बड़ी कंपनियां किस तरह से उसे ई-कॉमर्स साइट्स पर ऊंचे दामों में बेचती हैं. इस वक्त हम अच्छी क्वालिटी के
तमाम नेचुरल हर्बल ब्यूटी प्रोडक्ट्स (natural herbal beauty products) आठ से भी ज्यादा राज्यों में सफलता के साथ बेच रहे हैं. जिनमें ‘हर्बल लिप बाम’ (Herbal Lip Balm) से लेकर ‘मॉइस्चराइजर क्रीम’ (Moisturizer cream) और ‘फेस वॉश’ (Face wash) तक शामिल है.स्वरोजगार
जगमोहन कहते हैं ‘मैं संघर्षों से निकला हुआ व्यक्ति हूं जिसने सीमित संसाधनों के साथ पहाड़ से लेकर दिल्ली तक की दूरी तय की. नवोदय विद्यालय से बारहवीं तक की पढ़ाई के बाद दिल्ली आ गया
और यहां दिल्ली विश्वविद्यालय से बीकॉम व एलएलबी और फिर एमकॉम और उसके बाद सीएस कर नौकरी करने लगा. ल्यूमैक्स, जेएचएस और एनटीपीसी के ज्वॉइंट वेंचर जैसी बड़ी कंपनियों में काम किया और सीएस लीगल हेड रहा. मैं शुरुआत से ही ज्यादा मनी माइंडेड नहीं था, हमेशा ऐसा कुछ करना चाहता था जो स्वयं का हो, अपना हो. इसलिए, पत्नी के सहयोग और अपने नॉलेज एवं टैलेंट के बल पर जोखिम लेते हुए अपनी कंपनी खड़ी कर डाली. रिसॉर्स की कमी हुई. बाधाएं भी आई, लेकिन हमने डिसाइड कर रखा था जो भी हो जाए करना खुद का बिजनेस ही है.’स्वरोजगार
कोरोना की वजह से दिक्कत
जरूर हुई पर हौंसला नहीं टूटाजगमोहन कहते हैं ‘कोरोना की मार तो सभी पर पड़ी है. क्या व्यापारी क्या नौकरीपेशा? कोरोना से पहले हमारा प्रोडक्ट्स आठ राज्यों में पहुंच चुका था. बाकी राज्यों में भी
विस्तार की पूरी योजना बन गई थी, लेकिन कोरोना की वजह से वह प्लानिंग थोड़ा पीछे चली गई. इस वक्त हमारे उत्पाद सबसे ज्यादा दिल्ली, यूपी, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार और झारखंड में उपस्थिति दर्ज कराए हुए हैं. इतना जरूर कहूंगा कि अगर कोरोना नहीं आया होता, तो मेरे पिछले बैलेंस सीट से इस साल की बैलेंस शीट पांच गुना ज्यादा होती.स्वरोजगार
जगमोहन की कंपनी का वार्षिक टर्नओवर करोड़ों में है. वह कहते हैं ‘यदि कोई भी व्यक्ति हमारे साथ जुड़कर स्वरोजगार अपनाना चाहता है, तो वह थोड़ी-सी पूंजी के साथ हमारे साथ जुड़ सकता है.’ उनका कहना है कि अगर आदमी के अंदर टैलेंट है और उसे महसूस होता है कि कुछ करना चाहिए, तो हिचक, डर
और असुरक्षा को बाहर निकालकर नये कार्य में जुट जाना चाहिए. मैंने जब अपना कोरोबार शुरू किया था उस वक्त मेरे पास 60 लाख रुपये का होम लोन था. लेकिन मुझे भरोसा था कि मैं कर लूंगा. इसी भरोसे की बदौलत आज हम सफल कारोबारी हैं.