- निशांत
आज से ठीक एक साल पहले, 23 जनवरी 2020 को, चीन ने जब वुहान शहर में तालाबंदी लागू की थी, तब शायद पहली बार पूरी दुनिया ने कोविड को एक महामारी की शक्ल में संजीदगी से लिया था.
खूबसूरती
साल भर बाद आज कोविड-19 न सिर्फ पूरी दुनिया में ज़बरदस्त नुकसान पहुंचा चुका है, बल्कि इस ग्रह पर लगभग सभी की ज़िन्दगी को भी बदल चुका है. इस महामारी ने विश्व को
सोचने पर मजबूर कर दिया है और पुराने सभी मानदंडों को भी चुनौती भी दे दी है. इस वैश्विक महामारी ने जलवायु परिवर्तन के साथ मिल कर एक यौगिक संकट उत्पन्न कर दिया है. साथ ही प्रकृति के साथ मानव विकास को संरेखित करने की आवश्यकता की याद दिला दी है, जो आने वाले वर्ष के लिए नई उम्मीदें प्रदान करता है. यह महत्वपूर्ण है कि हम कोविड 19 से सबक सीखें और साथ ही आगे के वर्ष में उन चुनौतियों का समाधान करने की ओर आगे बढ़े.खूबसूरती
कोविड-19 के नाश के बावजूद,
दुनिया भर के लोगों ने एक दूसरे और समाज की रक्षा के लिए एक साथ काम किया. महामारी ने एक लचीला समाज और अर्थव्यवस्था के निर्माण की तत्परता को उजागर किया, जहां मानव गतिविधियों को स्थायी लक्ष्यों के साथ संरेखित किया जाता है.
इस पूरे घटनाक्रम की कुछ
मुख्य बातों की पहचान की गई है:खूबसूरती
दुनिया को एक साथ दो
संकटों का समाधान करना हैज़ूनोटिक रोग, जैसे कोविड-19,
और जलवायु परिवर्तन आपस में जुड़े हुए वैश्विक खतरे हैं. महामारी के बीच जलवायु संकट की निरंतर तीव्रता दुनिया भर में महसूस की जा रहा है. अच्छी बात ये है कि इस खतरे से बचने के तरीके काफ़ी मिलते जुलते हैं इसलिए इनका एक साथ समाधान करना संभव भी है.खूबसूरती
सीखने को मिले कुछ एहम सबक
कोविड-19 के नाश के बावजूद, दुनिया भर
के लोगों ने एक दूसरे और समाज की रक्षा के लिए एक साथ काम किया. महामारी ने एक लचीला समाज और अर्थव्यवस्था के निर्माण की तत्परता को उजागर किया, जहां मानव गतिविधियों को स्थायी लक्ष्यों के साथ संरेखित किया जाता है.खूबसूरती
एकीकृत प्रणाली ज़रूरी
हमें संकटों से निपटने के लिए एकीकृत
और प्रणालीगत बदलाव की आवश्यकता है. दोनों जलवायु और कोविड-19 संकटों ने अंतर्राष्ट्रीय असमानता पर प्रकाश डाला है.खूबसूरती
ग्रीन रिकवरी बेहद ज़रूरी
हालांकि आशा के संकेत हैं, हमें एक समान
ग्रीन रिकवरी सुनिश्चित करने के लिए और अधिक करने की आवश्यकता है.खूबसूरती
कोविड-19 ने एक बार फिर खुलासा किया है संरेखित करना सार्वजनिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने, एक स्थायी आर्थिक भविष्य बनाने और ग्रह के शेष प्राकृतिक संसाधनों और जैव विविधता की बेहतर रक्षा करने का अवसर प्रस्तुत करता है.
कि प्रकृति, मनुष्य और दुनिया परस्पर जुड़े हुए हैं. ज़ूनोटिक रोग, जैसे कोविड-19 और जलवायु परिवर्तन आपस में जुड़े हुए अंतर वैश्विक खतरे हैं और कुछ समान तरह के उपचार साझा करते हैं. प्रतिक्रियाओं कोमहामारी ने लोगों को शहरों
और परिवहन प्रणालियों को फिर से संगठित करने और रहने, काम करने और यात्रा करने के तरीके को बदलने का मौका दिया है. दुनिया भर में लोगों ने बाइक लेन को फिर से डिज़ाइन करने और स्थानीय आपूर्ति श्रृंखलाओं का समर्थन करने के लिए एक साथ काम किया है
महामारी ने लोगों को शहरों और परिवहन प्रणालियों को फिर से संगठित करने और रहने, काम करने और यात्रा करने के तरीके को बदलने का मौका दिया है. दुनिया भर में लोगों ने
बाइक लेन को फिर से डिज़ाइन करने और स्थानीय आपूर्ति श्रृंखलाओं का समर्थन करने के लिए एक साथ काम किया है. साथ ही सरकार उन अवरोधों के माध्यम से तोड़ने में सक्षम साबित हुई है जो पहले अनिर्दिष्ट थे.खूबसूरती
कोविड-19 महामारी के अधिक बिजली उत्पन्न की. कोयले से चलने वाले बिजलीघरों का विश्व का बेड़ा भी पहली बार 2020 में सिकुड़ गया है. पीक तेल की मांग भी शायद पहले ही गुज़र चुकी है.
बावजूद, रिन्यूएबल ऊर्जा ने उच्च प्रदर्शन दिखाया है. 2020 की पहली छमाही में यूरोपीय संघ में जीवाश्म ईंधन स्रोतों की तुलना में रिन्यूएबल स्रोतों ने पहले बारखूबसूरती
ग्रीन रिकवरी प्रत्येक
देश की कोविड -19 आर्थिक नीति का केंद्र होना चाहिए. औद्योगिक देशों की वसूली योजना की ‘ग्रीननेस’ (‘ग्रीन क्षमता’) एक मिश्रित तस्वीर दिखती है जिसमें ग्रीन निवेश के संभावित लाभों को कम करके आंका गया है. कोविड-19 से पहले की नीतियों के आधार पर, 2030 में एक ग्रीन रिकवरी ग्रीनहाउस उत्सर्जन में 25% की कटौती कर सकती है.
खूबसूरती
महामारी ने असमानता के
मुद्दे को संबोधित करने की आवश्यकता को भी क़रीब लाया है. समाज के सभी स्तंभों से लोग और नेता व्यवस्था परिवर्तन का आह्वान कर रहें हैं. कई संस्थानों और विचारशील नेताओं ने प्रकृति की सीमाओं को ध्यान में रखते हुए सतत विकास के मार्गों को फिर से तैयार करने के लिए रास्ते प्रस्तावित किए हैं.खूबसूरती
अंतिम लेकिन ज़रूरी बात है कि वर्तमान ग्रीन रिकवरी न तो पर्याप्त रूप से बड़ी है और न ही पर्याप्त महत्वाकांक्षी है. हम अभी भी तेज़ उत्सर्जन वृद्धि के मनसूबे में हैं.
ग्रीन रिकवरी प्रत्येक देश की कोविड -19 आर्थिक नीति का केंद्र होना चाहिए. औद्योगिक देशों की वसूली योजना की ‘ग्रीननेस’ (‘ग्रीन क्षमता’) एक मिश्रित तस्वीर दिखती है जिसमें ग्रीन निवेश के संभावित लाभों को कम करके आंका गया है. कोविड-19 से पहले की नीतियों के आधार पर, 2030 में एक ग्रीन रिकवरी ग्रीनहाउस उत्सर्जन में 25% की कटौती कर सकती है.खूबसूरती
(लेखक लखनऊ
में निवासरत हैं एवं पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन से जुड़े मुद्दों में रुचि और इन विषयों को हिन्दी पत्रकारिता के पटल पर प्रासंगिक बनाने के इरादे से इससे जुड़ी जानकारियां लोगों तक पहुंचाने के लिए प्रयासरत हैं.)