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दिल्ली की मुख्यमंत्री, मंत्रियों और विधायकों से संस्कृत भाषा में शपथ लेने का आग्रह
नई दिल्ली. संसदीय संस्कृत परिषद ने दिल्ली की नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री के रूप में श्रीमती रेखा गुप्ता के चयन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए इसे दिल्लीवासियों की विजय बताया है.
संसदीय संस्कृत परिषद के अध्यक्ष और डॉ. गोस्वामी गिरधारी लाल प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान,दिल्ली सरकार के निदेशक डॉ. जीतराम भट्ट ने कहा कि अब देश की राजधानी विकसित होने के साथ ही पुनः देश की विविध भाषाओं और लोक संस्कृति संवर्धन की साक्षी बनेगी. हमारा आग्रह रहेगा कि मुख्यमंत्री जी,उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी और विधायक संस्कृत भाषा में पद और गोपनीयता की शपथ लें.
संस्कृत आयाम के राष्ट्रीय अध्यक्ष और श्री लाल बहादुर शास्त्री केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के डीन प्रो. देवी प्रसाद त्रिपाठी ने कहा कि दिल्ली में ढ़ाई दशक पूर्व जो संस्कृतमय वातावरण विद्यमान था श्रीमती रेखा गुप्ता के नेतृत्व में संस्कृत का सम्मान फिर लौटेगा. मुख्यमंत्री जी और मंत्रिमंडल में सम्मिलित सभी नेता संस्कृत में शपथ लेकर इसका श्रीगणेश करेंगे.
परिषद के महासचिव प्रो.सूर्य प्रकाश सेमवाल ने कहा कि श्रीमती रेखा गुप्ता के रूप में देश की राजधानी में सजग मातृशक्ति को नेतृत्व मिलना शुभ संकेत है. संसदीय संस्कृत परिषद देश में 80 के दशक से ही संसद,विधानसभा एवं निकाय चुनावों में विजयी नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों को देववाणी संस्कृत में शपथ लेने के लिए प्रेरित करती रही है. दिल्ली के सभी विधायकों से भी हमने इस बार ऐसा आग्रह किया है. पूर्ण विश्वास है कि कल मुख्यमंत्री सहित सभी मंत्री और बाद में सभी विधायक संस्कृत में शपथ लेने के हमारे आग्रह पर अवश्य विचार करेंगे.