देश के प्रथम सीडीएस स्व. जनरल बिपिन रावत को तीसरी पुण्यतिथि पर किया गया नमन

General Bipin Rawat third death anniversary
  • हिमांतर ब्यूरो, नई दिल्ली

देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत को हमसे बिछुडे़ तीन वर्ष हो गए हैं. 8 दिसंबर 2021 का वह दिन कोई नहीं भूल सकता जब जनरल बिपिन रावत हवाई दुर्घटना का शिकार होकर इस दुनिया को छोड़कर चले गये थे. भारत माता के लाल जनरल बिपिन रावत की स्मृतियां आज भी हमारे जेहन में ताजा हैं. जनरल बिपिन रावत की यादों को ताजा रखने के लिए जीबीआर मेमोरियल फाउंडेशन ऑफ का इंडिया का गठन किया गया है.

जनरल बिपिन रावत की तीसरी पुण्यतिथि पर दिल्ली के कोटा हाउस, नवल ऑफीसर मैस में जीबीआर फाउंडेशन ऑफ इंडिया ने श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया. जिसमें उपसेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एन एस राजा सुब्रमणि और वाइस एडमिरल अतुल आनंद, सैन्य मामलों के विभाग में अतिरिक्त सचिव ने विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए. इसके अलावा जीबीआर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष एवं पूर्व वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया, स्वर्गीय जनरल बिपिन रावत की सुपुत्री तारिणी रावत, स्वर्गीय ब्रिगेडियर एलएस लिड्डर की पत्नी गीतिका लिड्डर, स्वर्गीय ले. कर्नल हरजिन्दर सिंह की पत्नी अग्नेस और आजतक चैनल के सीनियर एडीटर और वरिष्ठ रक्षा पत्रकार एवं जीबीआर मेमोरियल फ़ाउंडेशन ऑफ़ इंडिया के सचिव मनजीत नेगी शामिल हुए.

General Bipin Rawat third death anniversary 4

सबसे पहले कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलन से हुआ. इस अवसर पर सभागार में मौजूद सभी लोगों द्वारा सीडीएस जनरल बिपिन रावत को श्रद्धांजलि अर्पित की. कार्यक्रम में तीनों सेनाओं के अधिकारी, रक्षा सुरक्षा से जुड़े लोग एवं जनरल बिपिन रावत के परिवार के सदस्य एवं उनके रिश्तेदार और बड़ी संख्या में जनरल बिपिन रावत के चाहने वाले लोग शामिल हुए. जनरल बिपिन रावत की तीसरी पुण्यतिथि पर जीबीआर मेमोरियल फ़ाउंडेशन ऑफ़ इंडिया द्वारा सीडीएस जनरल बिपिन रावत के ऊपर एक डाक्यूमेंट्री भी प्रदर्शित की गई. यह फ़िल्म उनके जीवन और उनके मिशन पर रोशनी डालती है. इस अवसर पर सबसे पहले विशिष्ट अतिथि उपसेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एस राजा सुब्रमणि और सैन्य मामलों के अतिरिक्त सचिव वाइस एडमिरल अतुल आनंद का स्वागत किया गया. इसके बाद विशिष्ट अतिथियों ने अपने विचार रखे.

सीडीएस जनरल बिपिन रावत की पुण्यतिथि पर सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजा सुब्रमणि ने कहा, “आज हम जनरल बिपिन रावत की दुखद क्षति को याद कर रहे हैं. इस बहादुर देशभक्त, एक सक्षम सैन्य रणनीतिकार और को खोए हुए तीन साल हो गए हैं.“ सर्वोत्कृष्ट नेता… आज का कार्यक्रम देश के महानतम नेताओं और सैन्य पेशेवरों में से एक की प्रभावशाली विरासत को श्रद्धांजलि है. जनरल रावत एक विद्वान सैनिक और सैन्य सुधारक थे जिनमें भविष्य की कल्पना करने की असाधारण क्षमता थी. वह एक तेजतर्रार नेता थे, फिर भी उनके पास एक सावधानीपूर्वक सोची-समझी नेतृत्व शैली थी जिसने न केवल भारतीय सेना को बल्कि पूरे देश को प्रभावित किया.

चार दशकों से अधिक के प्रतिष्ठित करियर में, जनरल रावत की उपलब्धियां सेना के सभी पहलुओं में उल्लेखनीय थीं और राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों में, कर्तव्य के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता, तीव्र रणनीतिक कौशल और असाधारण दृष्टि के लिए जाने जाने वाले जनरल रावत अपने आप में एक सैनिक से कहीं अधिक थे. चुनौतियों और जीत से भरी उनकी यात्रा, नेतृत्व में एक मास्टरक्लास है.

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सीडीएस जनरल बिपिन रावत की पुण्यतिथि पर सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव वाइस एडमिरल अतुल आनंद कहते हैं, “…मुझे उनके दृढ़ दृष्टिकोण, परिणामोन्मुख दृष्टिकोण और अनुकरणीय नेतृत्व को देखने का सौभाग्य मिला. हालांकि हमारे पेशेवर शुरुआत में, रास्ते एक-दूसरे को नहीं काटते थे क्योंकि हम अलग-अलग सेवाओं से थे, उनके साथ बातचीत करने का अवसर तब मिला जब मुझे नौसेना मुख्यालय में विदेशी सहयोग और खुफिया के लिए नौसेना स्टाफ के मूल्यांकन प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया उनकी सोच जो इससे आगे निकल गई रणनीतिक स्तर पर सामरिक, सशस्त्र बलों, नागरिक-सैन्य संबंधों, अंतर्राष्ट्रीय संबंधों, अंतर-सेवा संबंधों और ऐसे कई अन्य विषयों में बदलाव लाने के बारे में उनके विचार, जनरल हमेशा यथास्थिति को बदलने और एक अलग दृष्टिकोण के साथ परिचालन चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार थे मानसिकता.

हम सभी जानते हैं कि सेना प्रमुख के रूप में, वह हमारी पश्चिमी सीमाओं पर सेना की रणनीतिक प्रतिक्रिया के बारे में बहुत स्पष्ट थे. उनका मानना था कि नियंत्रण रेखा और भौतिक प्रभुत्व पर कड़ी दंडात्मक कार्रवाई ही हमारे पड़ोसी के व्यवहार को नियंत्रित करने का एकमात्र तरीका है.

जीबीआर मेमोरियल फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष एवं पूर्व वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने फाउंडेशन के विजन और आगे की योजनाओं पर अपनी बात रखते हुए कहा कि यह फाउंडेशन जनरल बिपिन रावत के दूरगामी लक्ष्यों को पूरा करने का एक प्रयास है. जीबीआर मेमोरियल फ़ाउंडेशन ऑफ़ इंडिया की ओर से इस कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथियों को सम्मानित किया गया. उन्होंने इस कार्यक्रम में आने के लिए सभी लोगों का धन्यवाद दिया. साथ ही उन्होंने भविष्य में भी फाउंडेशन के साथ अपना सहयोग बनाये रखने की अपील की. स्वर्गीय जनरल बिपिन रावत की सोच को अक्षुण रखने और उसे आगे ले जाने के उद्देश्य से, उनसे जुड़े लोगों ने जीबीआर मेमोरियल फ़ाउंडेशन ऑफ़ इंडिया का गठन किया है.

जीबीआर मेमोरियल फ़ाउंडेशन से जुड़े लोगों का मानना है कि जनरल बिपिन रावत सिर्फ़ एक व्यक्ति का नाम नहीं बल्कि देशसेवा में जुटी एक संस्था और विज़न का नाम है. जनरल बिपिन रावत ने पूरा जीवन देश की सेनाओं और युवाओं को कैसे राष्ट्र निर्माण से जोड़ना है, इस मिशन में लगा दिया था. यह उन्हीं की सोच का फल है कि आज हमारी तीनों सेनाएं तालमेल के साथ देश की रक्षा में तत्पर हैं.

इस मौके पर तीनों सेनाओं के कई अधिकारी भी सभागार में उपस्थित रहे. जिसमें प्रमुख रूप से भारतीय अंतरिक्ष संघ के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अनिल भट्ट, एयर वाइस मार्शल राजेश भंडारी, यूकेपीएससी के मेंबर मनोज रावत, उत्तराखंड के पूर्व डीजीपी अशोक कुमार समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे.

भारत के प्रथम सीडीएस जनरल बिपिन रावत की तृतीय पुण्यतिथि के अवसर पर देहरादून के कनक चौक में उनकी प्रतिमा पर सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने पुष्पांजलि अर्पित कर भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी. इस अवसर पर सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने जनरल बिपिन रावत को स्मरण करते हुए कहा जब वो जनरल बिपिन रावत से पहाड़ के युवाओं को सेना में नौकरी के लिए लंबाई में छूट को लेकर मिले थे, तो उन्होंने इस पर सकारात्मक कदम उठाने का आश्वासन दिया था. उसी का परिणाम है कि उत्तराखंड राज्य के युवाओं को सेना में लंबाई में 5 सेंटीमीटर की छूट जनरल बिपिन रावत की वजह से ही संभव हो पाई.

उन्होंने कहा कि बॉर्डर के दो ब्रिगेड पिथौरागढ़ और जोशीमठ में सेना के माध्यम से गांवों को संवारने का कार्य भी जनरल बिपिन रावत के प्रयासों से किया गया है. सीडीएस रावत ने सीमांत क्षेत्रों में पौधा रोपण के लिए विशेष योगदान रहा है. उन्होंने कहा कि जनरल बिपिन रावत की यादों को जिंदा रखने के लिए गुनियाल गांव में भव्य सैन्यधाम का निर्माण किया जा रहा है, जिसका मुख्य द्वार सीडीएस जनरल बिपिन रावत के नाम पर बनाया जा रहा है.

जनरल बिपिन रावत की पुण्यतिथि के अवसर पर तुलास इंटरनेशनल स्कूल, देहरादून में उनकी प्रतिमा का अनावरण किया गया एवं पुष्पांजलि अर्पित की गई. इस अवसर पर हरिद्वार के सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि भारत के प्रथम सीडीएस जनरल बिपिन रावत जी की यादें आज भी देशवासियों के दिलों में बसी हुई हैं. इसका कारण यह है कि वह एक सच्चे सैनिक और उत्कृष्ट नागरिक थे. उन्होंने कहा कि सेना के साथ-साथ आम भारतीय भी उन्हें अपना आदर्श मानते हैं.

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