उत्तरकाशी : वाईब्रेंट विलेज के गांवों के दो दिनों के भ्रमण पर हर्षिल पहुंचे राज्यपाल  

  • नीरज उत्तराखंडी, हर्षिल (उत्तरकाशी) 

जिले के सीमांत क्षेत्र के वाईब्रेंट गांवों की जीवंतता को कायम रखने के लिए इन गांवों में पर्यटन विकास, बागवानी के विस्तार तथा आजीविका संवर्द्धन ने नए और बेहतर अवसर सृजित करने पर जोर देते हुए राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने कहा है कि इन गांवों की तकदीर और तस्वीर बदलने की सरकार की कोशिशों में सभी विभागों और संगठनों का प्रतिबद्धता से एकजुट प्रयास करने होंगे। राज्यपाल ने कहा कि सीमांत गांव जादुंग को देश के पहले गांव के रूप में प्रतिष्ठित करने के लिए सरकार के प्रयास फलीभूत होने जा रहे हैं और यह पहल इस सीमावर्ती क्षेत्र में बदलाव की नई बयार लाएगी।

Governor reached Harshil on a two-day visit to the villages of Vibrant Village

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) जिले के सीमांत क्षेत्र के वाईब्रेंट विलेज के गांवों के दो दिनों के भ्रमण पर हैं। हर्षिल हैलीपैड पर पहुंचने के बाद राज्यपाल बगोरी होते हुए धराली गांव पहुंचे। राज्यपाल ने धराली गांव में हार्टी-टूरिज्म के मॉडल के तौर पर स्थानीय ग्रामीणों द्वारा सेब के बागों के बीच विकसित किए जा रहे होम स्टे एवं रिर्जाट्स का अवलोकन कर इन प्रयासों की भरपूर सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के मॉडल को पूरा प्रोत्साहन दिया जाएगा। राज्यपाल ने गांव  के युवा बागवान सचेन्द्र पंवार, उमेश पंवार तथा धराली गांव की महिला लक्ष्मी देवी आदि अन्य लोगों से बातचीत कर बागवानी व पर्यटन से संबंधित व्यवसायों में गांव में हो रहे बेहतर काम की जमकर तारीफ की। धराली गांव के प्राकृतिक सौंदर्य, बागवानी व पर्यटन विकास के क्षेत्र में हुई प्रगति से अभिभूत राज्यपाल ने ग्रामीणों को अपनी तरफ से मिठाई एवं अन्य भेंट भी प्रदान करते हुए कहा कि धराली गांव के हार्टी-टूरिज्म मॉडल को प्रोत्साहित करने के साथ ही अन्य क्षेत्रों में भी क्रियान्वित करने का प्रयास किया जाएगा।

Governor reached Harshil on a two-day visit to the villages of Vibrant Village

धराली के बाद राज्यपाल ने सीमावर्ती क्षेत्र के नेलांग एवं जादुंग गावों का भ्रमण कर धवल निर्मल जलधारा वाली जाडगंगा (जाह्नवी) के किनारे स्थित शीत मरूस्थल के इन वीरान गांवों के विलक्षण प्राकृतिक सौंदर्य का साक्षात्कार किया। राज्यपाल ने इन गांवों को दोबारा बसाए जाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की भी जानकारी ली और राज्य सरकार के द्वारा शुरू की गई होम-स्टे कलस्टर योजना के तहत जादुंग गांव में होम स्टे निर्माण के लिए शुरू किए गए कार्यों का भी निरीक्षण किया। इस मौके पर जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया कि पर्यटन विभाग के द्वारा जीएमवीएन के माध्यम से जादुंग गांव में प्रथम चरण में 6 होम स्टे का निर्माण कार्य गत सप्ताह शुरू किया गया है। रू. 365.33 लाख की लागत की यह परियोजना एक साल में पूरी हो जाएगी। अगले चरण में 17 होम स्टे बनाए जाने प्रस्तावित है। इस योजना के तहत क्षेत्र के पारंपरिक वास्तुशिल्प के अनुरूप निर्मित होम स्टे जादुंग गांव के मूल निवासियों को सौंपे जाएंगे। जिलाधिकारी ने बताया कि  इस क्षेत्र में पर्यटन से संबंधित गतिविधियों को बढावा देने के लिए इनर लाईन को शिफ्ट किए जाने सहित जनकताल तक ट्रैकिंग की गतिविधियां संचालित करने का भी प्रस्ताव है।

Governor reached Harshil on a two-day visit to the villages of Vibrant Village
 

राज्यपाल ने सीमांत गांवों में हो रहे इन बदलावों को अभूतपूर्व व ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि जादुंग गांव में होम स्टे बनने और स्थानीय निवासियों को यहां पर आजीविका संवर्द्धन के लिए पर्यटन से जुड़ी विभिन्न गतिविधियों के अवसर उपलब्ध कराने से यह वाईब्रेंट गांव वास्तविक रूप में छह दशक के बाद जीवंत हो उठेंगे। राज्यपाल ने जादुंग गांव में होमस्टे निर्माण का निर्माण देख रहे जीएमवीएन के अभियंताओं से इस परियोजना की विस्तार से जानकारी लेते हुए जीएमवीएन सहित जिला प्रशासन के अधिकारियों से कहा कि यह काम समय से व सही तरीके से होना जरूरी है। ताकि हम जादुंग को देश के आखिरी गांव के बजाय देश के पहले गांव के तौर पर प्रतिष्ठित कर सकें। राज्यपाल ने कहा कि वाईब्रेंट विलेज की योजनाओं पर विभिन्न स्तरों से पूरी निगरानी रखी जा रही। लिहाजा सभी विभाग और संगठन पूरी तत्परता व गुणवत्ता से इन योजनाओं को क्रियान्वित करने पर पूरा ध्यान दें। राज्यपाल ने प्रधानमंत्री से उत्तराखंड से पलायन को रोकने के उपायों को लेकर हुई चर्चा का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के कुशल मार्गदर्शन के चलते सरकार के प्रतिबद्ध प्रयासों ने राज्य के वीरान पड़े कई ‘घोस्ट विलेज’ अब ‘होस्ट विलेज’ के तौर पर आबाद और खुशहाल बनाने का महत्वपूर्ण काम किया है।

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