देहरादून: पुरोला से भाजपा विधायक दुर्गेश्वर लाल एक बार फिर चर्चाओं में हैं. दुर्गेश्वर लाल अक्सर विवादों के कारण चर्चा में रहते हैं. इस बार भी चर्चा का कारण विवाद ही है. दरअसल, पुरोला विधायक से मिलने मोरी ब्लॉक के बेगल गांव के दो युवाओं ने जल जीवन मिशन में घोटाले की शिकायत की थी. इस संबंध में वह विधायक से मिलना चाह रहे थे. विधायक ने उनको मिलने बुलाया और उसके बाद से ही यह पूरा पूरा विवाद शुरू हुआ.
ऐसे बिगड़ा मामला
विधायक उनसे शांति से भी बात कर सकते थे, लेकिन वो उनको नशेड़ी कहने लगे. यहीं से पूरा मामला बिगड़ गया. विधायक के साथ दोनों करीब 40-45 मिनट साथ रहे होंगे. इस दौरान दोनों विधायक को नशेड़ी क्यों नजर नहीं आए.
पुरोला विधायक दुर्गेश्वर लाल कुलदीप और अतुल पर आरोप लगा रहे हैं कि वह दोनों प्लान बनाकर उनको मारने आए थे. साथ ही उनका यह भी कहना है कि उनके बच्चों को और उनको इनसे जान का खतरा है. विधायक के आरोपों के जवाब उन्हीं की बातों में हैं.
विधायक पर उठे सवाल
सवाल यह है कि आखिर वह युवा विधायक पर हमला कैसे कर सकते हैं, जिनको विधायक पहले महंत इंद्रेश अस्पताल में मिलते हैं और फिर उनको अपनी गाड़ी में बिठाकर विधायक हॉस्टल लेकर के आते हैं. यहां युवाओं पर नहीं, बल्कि विधायक की मंशा पर सवाल है?
क्या विधायक ने दोनों युवाओं को किसी साजिश के तहत अपनी गाड़ी में बिठाया था?
क्या यह भी एक साजिश थी कि किसी तरह से उनको विधायक हॉस्टल तक पहुंचाया जाए और फिर कुछ विवाद करके दोनों युवाओं को ही फंसा दिया जाए?
तीसरा यह कि क्या नशेड़ी होने का आरोप लगाकर युवाओं को फंसाने की पहले से ही योजना तो नहीं थी?
एक और सवाल यह है कि कुलदीप के आरोप के अनुसार जब उसने विधायक हॉस्टल के गेट पर गाड़ी रोकने के लिए कहा तो विधायक ने गाड़ी क्यों नहीं रुकवाई?
सवाल यह भी है कि विधायक के साथ दोनों युवा उनकी गाड़ी में बैठे थे और विधायक को उनसे खतरा महसूस हो रहा था तो फिर उन्होंने किसी पुलिस अधिकारी को फोन कर मामले की शिकायत क्यों नहीं की?
विधायक सत्ता में है और वह चाहते तो पुलिस के किसी भी आला अधिकारी को फोन कर दोनों युवाओं को पुलिस के हवाले कर सकते थे, फिर ऐसा क्यों नहीं किया?
जब युवा उनसे इंद्रेश अस्पताल में मिले तो वहां विधायक से बदतमीजी नहीं की. क्या ऐसा संभव है कि विधायक की गाड़ी में ही बैठकर कोई उनके आवास पर आए और उनके साथ गाली-गलौच करे?
सवाल यह भी है कि विधायक ने कुलदीप का फोन क्यों छीना और अब तक फोन भी नहीं लौटाया?
ये है पूरा मामला
पुरोला विधायक दुर्गेश्वर लाल पर गंभीर आरोप लगे हैं. उन्हीं की विधानसभा क्षेत्र के मोरी ब्लॉक के बगल गांव निवासी दो युवाओं ने विधायक पर एमएलए हॉस्टल में बुलाकर मारपीट करने का आरोप लगाया है उनका आरोप है कि विधायक दुर्गेश्वर लाल ने पहले MLA हॉस्टल बुलाया और फिर बात करते-करते अचानक मारपीट करने लगे, उनका फोन भी छीन लिया, जो अब भी विधायक के पास ही है.
आराघर चौकी में विधायक के खिलाफ दी गई तहरीर में कुलदीप और अतुल ने विधायक पर पहले भी धमकाने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि जल जीवन मिशन में घोटाले के एक मामले को लेकर उन्होंने विधायक से शिकायत की थी.
सोशल मीडिया में भी कुछ दिनों पहले दोनों का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें कुलदीप और अतुल आरोप लगा रहे थे कि जल जीवन मिशन में बड़ा घोटाला हुआ है और ठेकेदार को विधायक का संरक्षण है. तहरीर में उन्होंने जल जीवन मिशन का काम करने वाले ठेकेदार पर भी जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है, जिसकी शिकायत वो पूर्व में उत्तरकाशी जिलाधिकारी से कर चुके हैं.
वहीं, विधायक दुर्गेश्वर लाल का कहना है कि उनको युवाओं से खतरा है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह दोनों ही नशेड़ी हैं और नशे की हालत में रहते हैं. विधायक के आरोपों के जवाब में कुलदीप और अतुल का कहना है कि वह नशा नहीं करते हैं और अगर विधायक इस तरह का आरोप लगा रहे हैं, तो उनका मेडिकल होना चाहिए और वह मेडिकल कराने के लिए तैयार हैं.
साथ ही पुलिस से अनुरोध किया है कि एमएलए हॉस्टल के सीसी टीवी फुटेज की भी जांच की जाए, उससे स्थिति साफ हो जाएगी कि विधायक ने मारपीट की है या फिर हम उनके साथ मारपीट करने गए थे.