उत्तराखंड : कौन बनेगा नया DGP, अशोक कुमार को एक्सटेंशन या फिर नया चेहरा?
देहरादून : उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक (DGP) अशोक कुमार का कार्यकाल नवंबर में समाप्त होने वाला है। यानी उनके रिटायरमेंट में अब कुछ ही समय बचा है। ऐसे में अटकललें लगाई जाने लगी हैं कि आखिर उत्तराखंड का नया DGP कौन होगा? सरकार किस अधिकारी पर भरोसा जताएगी? धामी सरकार के मानकों पर कौन सा आईपीएस अधिकारी फिट बैठेगा?
DGP अशोक कुमार को एक्शटेंशन
जैसे-जैसे वर्तमान DGP अशोक कुमार को कार्यकाल समाप्ती की ओर बढ़ रहा है। वैसे-वैसे IPS अधिकारियों के डीजीपी बनने की लॉबिंग भी शुरू हो गई है। अब तक यह माना जा रहा था कि DGP अशोक कुमार को एक्शटेंशन मिल सकता है। लेकिन, इस बीच एक ऐसी खबर सामने आई है, जिससे उनके एक्शटेंशन का सपना टूट सकता है।
30 साल का सेवाकाल
किसी भी राज्य का पुलिस महानिदेशक (DGP) बनने के लिए IPS अधिकारी का सेवाकाल कम से कम 30 साल का होना चाहिए था। इसी मानक के आधार पर अशोक कुमार पुलिस महानिदेशक बने थे। लेकिन, अब खबर है कि इस नियम को बदल दिया गया है। नए नियमों के मुताबिक DGP बनने की कतार में कई आईपीएस खड़े गए हैं।
25 साल की सेवा का नया नियम
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की नई व्यवस्था के कारण हो सका है। अब तक DGP पद के लिए UPSC की गाइडलाइन में 30 साल की सेवा अनिवार्य थी। लेकिन अब इस व्यवस्था को बदलते हुए आयोग ने इसे 25 साल करने का निर्णय लिया है। खास बात यह है कि उत्तराखंड में फिलहाल 30 साल की सेवा पूरा करने वाला कोई भी आईपीएस अफसर मौजूद नहीं है।
ये भी किया गया बदलाव
संघ लोक सेवा आयोग इसके अलावा ADG यानी लेवल 15 पर तैनात आईपीएस अधिकारियों को भी पुलिस महानिदेशक का पद दिए जाने की व्यवस्था की है। UPSC द्वारा नई व्यवस्था लागू करने के बाद भी पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार के सेवा विस्तार की संभावना बनी हुई है।
उत्तराखंड कैडर में तैनात अधिकारी बनेगा DGP!
अब कतार में कई दूसरे अधिकारी भी शामिल हो गए है। इस नई व्यवस्था के लागू होने के बाद राज्य से बाहर के कैडर वाले किसी सीनियर आईपीएस अधिकारी को भी पुलिस महानिदेशक पद के लिए ले जाने की अटकलें लगाई जा रही थी, लेकिन अब नई व्यवस्था के बाद उत्तराखंड कैडर के ही आईपीएस अधिकारी इसके लिए एलिजिबल हो गए हैं।
उत्तराखंड : कौन बनेगा नया DGP, अशोक कुमार को एक्सटेंशन या फिर नया चेहरा?