“लोकरंग सांस्कृतिक व साहित्यिक उत्थान समिति”, शालीमार गार्डन, साहिबाबाद, गाजियाबाद के तत्वावधान में आयोजित लोकरंग सांस्कृतिक कार्यशाला का शुभारंभ आज रविवार 9 जुलाई, में सेंट एंड्रयूज पब्लिक स्कूल, सी-ब्लाॅक, शालीमार गार्डन में क्षेत्र की पूर्व पार्षद व समाज सेवी श्रीमती सुनीता रावत रेड्डी जी के द्वारा किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन तथा उत्तराखण्ड के पारम्परिक शकुनाखर (मांगल गीत) के साथ हुआ.शकुनाखर को उमा पाण्डेय, नीमा अकोलिआ, मधु बहुखंडी व गायत्री घुघत्याल ने अपने स्वरों मे पिरोया.
आगामी तीन माह तक चलने वाली यह सांस्कृतिक कार्यशाला प्रत्येक रविवार आयोजित की जाएगी जहां कलाकारों को उत्तराखण्ड के लोक कला, लोक नृत्य-संगीत, लोक भाषा, लोक कथा व लोक नाट्य की बारिकियां विभिन्न कला विशेषज्ञों द्वारा सीखायी जाएंगी.
मुख्य अतिथि श्रीमती सुनीता रावत रेड्डी ने आयोजक टीम की सराहना करते हुए कहा ‘शालीमार गार्डन क्षेत्र में उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहरों को लेकर पूर्व में भी इस तरह के कार्यक्रम आप लोगो द्वारा किए जाते रहे हैं. इस तरह के प्रयास निरंतर क्षेत्र मे होते रहने चाहिए.’
लोकरंग संस्था की सदस्य मीना पाण्डेय ने बताया ‘हमारा प्रयास है कि शालीमार गार्डन में रह रहे उत्तराखण्ड समाज की नई पीढ़ी को अपनी सांस्कृतिक विरासत से जोड़ सकें.’
कार्यक्रम में कुमाउनी नृत्य की शिक्षा लोक कलाकार शोभा पिलखवाल द्वारा दी गई. कलाकारों ने झोडा चांचरी की बारीकियां भी सीखी. चन्द्र मोहन कैमनी द्वारा प्रस्तुत गढवाली गीत दर्शकों द्वारा खूब सराहा गया वहीं ‘मि लागी सुवा घुट घुट बाटुई लागि’ गीत गाकर शोभा पिलखवाल ने समा बांध दिया.
कार्यक्रम में समाज सेवी नरेश देवरानी, रजनी अधिकारी, लता, कैलाश पाण्डेय, वीरेन्द्र रावत, रितेश भारद्वाज आदि सहित समाज के अनेक प्रभुतजन उपस्थित रहे. कार्यक्रम का संचालन सुप्रसिद्ध लेखिका व संस्कृतिकर्मी मीना पाण्डेय द्वारा किया गया.