युवाओं को प्रेरणा देने का काम करेगी सीडीएस जनरल बिपिन रावत की प्रतिमा : मुख्यमंत्री

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने किया सीडीएस स्वर्गीय जनरल बिपिन रावत की प्रतिमा का अनावरण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कनक चौक, देहरादून में देश के पहले सीडीएस जनरल पद्म विभूषण बिपिन रावत की प्रतिमा तथा स्मारक स्थल का लोकार्पण किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि जनरल बिपिन रावत की स्मृति को चिरस्थायी बनाये जाने के लिये प्रदेश की किसी बड़ी परियोजना को नाम उनके नाम पर रखा जायेगा. उन्होंने कहा कि यह भव्य प्रतिमा तथा स्मारक स्थल जनरल बिपिन रावत के शौर्य, अदम्य साहस और वीरता का स्मरण कराने के साथ ही युवाओं को प्रेरणा देने का कार्य करेगा. सीडीएस जनरल बिपिन रावत की प्रतिमा तथा स्मारक स्थल का निर्माण एमडीडीए द्वारा लगभग 50 लाख की लागत से किया गया है.

उन्होंने सीडीएस जनरल बिपिन रावत को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनकी आकस्मिक मृत्यु से देश को जो अपूरणीय क्षति पहुंची है, उसकी भरपाई कभी संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सैनिक बाहुल्य प्रदेश है तथा भारतीय सेना के गौरवमयी इतिहास में उत्तराखंड के सैनिकों का विशिष्ट योगदान रहा है. उत्तराखंड के युवाओं का सेना में शामिल होना प्रमुख प्राथमिकता रही है. सैन्य सेवा हमारे लिये मात्र रोजगार का अवसर नहीं, वरन देश एवं समाज के लिये जीवन समर्पित करने का उत्कृष्ट अवसर भी है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वर्गीय जनरल बिपिन रावत की मातृभूमि के लिए चार दशकों की निस्वार्थ सेवा असाधारण वीरता और रणनीतिक कौशल से परिपूर्ण थी. जीवन के अंतिम दिन तक वे केवल और केवल देश के लिए ही जीए. उनका सेनाध्यक्ष तथा प्रथम सीडीएस बनना, ये स्पष्ट दर्शाता है कि वे कितने योग्य जनरल थे. सेना के तीनों अंगों के आधुनिकीकरण तथा देश को रक्षा आवश्यकताओं के क्षेत्र में स्वावलंबी बनाये जाने हेतु स्वर्गीय जनरल बिपिन रावत द्वारा विशेष प्रयास किये गये. उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान उनका मार्गदर्शन सैनिकों के बहुत काम आया. उनके अनुकरणीय योगदान और प्रतिबद्धता को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है. उनके नेतृत्व में भारतीय सेना ने वीरता के नए नए प्रतिमान स्थापित किए. देश के साथ – साथ उत्तराखंड से भी उनका बड़ा लगाव था.

उन्होंने कहा कि सैनिक पुत्र होने के नाते उनका भी सेना के प्रति जुड़ाव रहा है. बचपन में वे भी सेना का हिस्सा बनना चाहते थे. 2021 में जनरल बिपिन रावत को जब ज्ञात हुआ कि मेरे पिता महार रेजिमेंट में रहे हैं तो उन्होंने महार रेजिमेंट सेंटर सागर जाने का कार्यक्रम बनाने तथा स्वयं भी वहां जाने की इच्छा जतायी थी किन्तु इस दुःखद घटना के कारण महार रेजिमेंट सागर के कार्यक्रम में उन्हें उनका सानिध्य नहीं मिल पाया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में सैनिकों के सपनों का उत्तराखंड बनाने के लिए हम कृतसंकल्पित हैं. देहरादून के गुनियाल गांव में प्रदेश के शहीदों की शहादत स्मृतियों को यादगार बनाने के लिये भव्य ‘शौर्य स्थल’ (सैन्य धाम) का निर्माण किया जा रहा है. इस साल के अंत तक इसे पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखंड राज्यधीन सेवाओं में शहीद सैनिक के आश्रितों को जिलाधिकारी कार्यालय में समूह ‘ग‘ अथवा ‘घ‘ में सीधी भर्ती द्वारा नियुक्ति प्रदान करने का कार्य भी कर रही है, अभी तक करीब 23 आश्रितों को नियुक्ति दी जा चुकी है. साथ ही विभिन्न युद्धों व सीमान्त झड़पों तथा आंतरिक सुरक्षा में शहीद हुये सैनिकों की विधवाओं व आश्रितों को एकमुश्त दस लाख का अनुग्रह अनुदान भी अनुमन्य किया गया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा युद्ध विधवा या युद्ध में अपंग सैनिकों को दो लाख रुपए तक की आवासीय सहायता भी प्रदान भी की जा रही है. जबकि सैनिक विधवाओं की पुत्री एवं पूर्व सैनिकों की अनाथ पुत्रियों के विवाह हेतु एक लाख रूपये का अनुदान देने की भी व्यवस्था की गई है. सेवारत सैनिकों, पूर्व सैनिकों व उनके आश्रितों के हितों के लिए हरसंभव मदद के साथ ही सैनिकों के सपनों का उत्तराखंड बनाना हमारा लक्ष्य है.

आज ही के दिन सीडीएस जनरल बिपिन रावत और मधुलिका रावत की शादी की सालगिरह होती है. उनकी शादी की सालगिरह के अवसर पर उनकी मूर्ति का अनावरण किया गया. इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी एवं विधायक खजान दास ने भी अपने विचार व्यक्त किये. कार्यक्रम में सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह, मेयर सुनील उनियाल गामा, जे.ओ.सी संजीव खत्री, उपाध्यक्ष एम.डी.डी.ए. बंशीधर तिवारी, से.नि. मे.ज. जी.एस. रावत, मे.ज. आनन्द सिंह रावत, रियर एडमिरल ओपीएस राणा, आजतक के एडिटर मनजीत नेगी, जनरल बिपिन रावत की दोनों पुत्रियां क्रतिका एवं तारिणी, सेना के अधिकारी एवं जवानों के साथ बड़ी संध्या में लोग मौजूद थे.

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