- हिमांतर ब्यूरो, देहरादून
जनपद चमोली के जोशीमठ विकास खंड से लगभग 70 किलोमीटर आगे मलारी है, मलारी से एक सड़क सुमना की ओर जाती है. समुना-2 पोस्ट के पास ताजा बर्फ के
एवलांच में बदल जाने से सीमा सड़क संगठन (BRO), आर्मी (Army) तथा आईटीबीपी (ITBP) के कैंप परिक्षेत्र को नुकसान पहुंचा है. मरने वालों में अधिकर सीमा सड़क संगठन के मजदूर हैं, जो सड़क निर्माण कार्य में लगे हुए थे.इस क्षेत्र में बीआरओ को 402 मजदूर
सीमा सड़क के निर्माण में लगे हुए थे. अभी तक 10 लोगों के शव मिल चुके हैं और 8 लोग लापता लोगों की खोजबीन जारी है.भटकोटी
सीमा सड़क संगठन के 402 मजदूरों में से 377 मजूदर सुरक्षित बताए जा रहे हैं. 9वीं पर्वतीय ब्रिगेड के बिग्रेडियर कृशाणु शाह ने बताया कि समुना-2 क्षेत्र में शुक्रवार को दोपहर 2
बजे और शाम के 4 बजे दो एवलांच आने की खबर मिली थी, उसके बाद सेना द्वारा राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिए गए.भटकोटी
एएनआई को दी गई जानकारी
के अनुसार, भारतीय-चीन सीमा पर ग्लेशियर के टूटने की खबर 23 अप्रैल रात्रि 8 बजकर 9 मिनट पर बार्डर रोड टास्क फोर्स के कमांडर कर्नल मनीश कपिल ने दी, लेकिन दूसरी ओर जियोलॉजिस्ट डॉ. एस.पी. सती का मानना है कि यह ग्लेशियर नहीं बल्कि एवलांच है. गौरतलब है कि आजकल स्थानीय भोटिया परिवारों के लोग भी वहीं नहीं रहते हैं. इस कैंप क्षेत्र में आम आदमी का प्रवेश भी वर्जित है.समाचार के साथ दिए गए चित्र भारतीय सेना की सूर्य कमांड द्वारा आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में कार्य करने वाले सामाजिक संगठनों के राज्य स्तरीय समूह आईएजी इंटर एजेंसी ग्रुप
के माध्यम से दिए जा रहे हैं. घाटी में एवलांच जनित आपदा का जायजा लेने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ. धनसिंह रावत ने क्षेत्र का दौरा किया.