उत्तराखंड: पहाड़ पर उद्योग लगाने वालों के लिए बड़ा ऐलान, कैबिनेट के बड़े फैसले
देहरादून: पुष्कर सिंह धामी की कैबिनेट ने चर्चा के लिए 30 प्रस्ताव लाए गए थे। इनमें से 26 पर कैबिनेट ने अपनी मुहर लगाई। बैठक में नई MSME नीति को मंजूरी दी गई। खास बात यह है प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग लगाने पर राज्य सरकार अब 50 लाख से चार करोड़ रुपये तक की सब्सिडी देगी। साथ हीस्थानीय स्तर के कच्चे माल का उद्योग लगाने वालों को सरकार 10 प्रतिशत अतिरिक्त सब्सिडी देगी।
इसके तहत अब पांच के बजाए चार श्रेणियां बनाई गई हैं। A-श्रेणी में वे जिले शामिल हैं जो पूर्णतया पर्वतीय होने के साथ ही अधिकतम ऊंचाई वाले हैं। बी-श्रेणी में ऐसे पर्वतीय जिले होंगे, जो अपेक्षाकृत कम दुर्गम हैं। सी व डी मैदानी श्रेणी हैं। A-श्रेणी में निवेश पर 50 लाख से चार करोड़, B-श्रेणी में 40 लाख से तीन करोड़, सी-श्रेणी में 30 लाख से दो करोड़ और डी-श्रेणी में 20 लाख से 1.5 करोड़ तक सब्सिडी मिलेगी।
मुख्य सचिव डॉ.S.S. संधू ने बताया कि पर्वतीय जिलों के कच्चे माल आधारित जैसे फ्रूट प्रोसेसिंग यूनिट, फलों से शराब, पिरूल आधारित उद्योग लगाने वालों को सरकार 10 प्रतिशत अतिरिक्त सब्सिडी देगी। सरकार ने नई नीति में सेवा क्षेत्र को अलग कर दिया है, इसका लाभ केवल विनिर्माण उद्योगों के लिए मिलेगा।
कैबिनेट के अन्य फैसले
ऊर्जा विभाग: 2008 में राष्ट्रीय जल विद्युत नीति आई थी। इसके तहत क्षेत्रीय विकास कोष बनाने पर मुहर लगी। प्रोजेक्ट की लागत का एक प्रतिशत उसी क्षेत्र के विकास में लगाया जाएगा। 12% फ्री बिजली प्रदेश को मिलती थी अब उसके बजाय 13% मिलेगी।
जब तक भी प्रोजेक्ट चलेगा सरकार को मिलने वाली 1% अतिरिक्त राशि के बराबर की कीमत प्रभावितों को बांटी जाएगी। वहीं, सरकार 1% अतिरिक्त अपनी तरफ से खर्च कर सकती है।
सभी धर्मों के लिए मैरिज रजिस्ट्रेशन जरूरी कर दिया गया है। आनंद मैरिज एक्ट के तहत होने वाली शादियां भी इसमें शामिल की गई हैं। जिससे सिख भी रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे।
ड्रोन नीति 2023 को मंजूरी। राज्य में ड्रोन निर्माण व सर्विस को बढ़ावा मिलेगा। ड्रोन बनाने वालों को लीज रेंट में 75% तक सब्सिडी मिलेगी। साथ ही ड्रोन स्कूल को एक करोड़ तक सब्सिडी मिलेगी। वहीं, ड्रोन सेवाओं में एसजीएसजी से राहत मिली है। इसकी एसओपी भी बनेगी।
वित्त विभाग: फाइनेंशियल हैंडबुक का सरलीकरण किया गया है। साथ ही एक्सईएन और एसई की पावर बढ़ाई गई है।
पूरी मसूरी को तहसील बनाया जाएगा।
ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन: कई गांव में काफी कचरा निकल रहा है जो लैंड फाइलिंग में काम आएगा। टिहरी के घिल्डियाल गांव को इसका लाभ मिलेगा।
उत्तराखंड संरचना संरक्षण अधिनियम में संशोधन किया गया।
प्रारम्भिक शिक्षा: पहली कक्षा में दाखिले के लिए छात्र की आयु दाखिला वर्ष में 1 अप्रैल को कम से कम 6 साल हो।
उत्तराखंड सड़क परिवहन दुर्घटना निधि नियमावली में संशोधन किया गया। साथ ही कुछ पदों के नाम में बदलाव किया गया है।
सिंचाई: 75% के बजाय 85% बोरिंग टेक्नीशियन पदों पर सीधी भर्ती होगी।
आयुष विभाग: लिपिकीय संवर्ग को मर्ज किए गए हैं उनका अब जिले से निदेशालय में तबादला हो सकेगा।
पुलिस दूरसंचार विभाग में 8700 ग्रेड पे में दो पदों का सृजन किया गया। कुल 18 पद हैं।
पीपीएस ऑफिसर के ढांचे में परिवर्तन किया गया। इसमें दो पद कम किए गए हैं। अब कुल 15 पद सृजित हैं।
पशुपालन विभाग: कृत्रिम गर्भाधान का काम करने वालों को अब पहाड़ में प्रति केस 100 रुपये व मैदान में 80 रुपये मिलेंगे।
खेल विभाग: अगले साल राष्ट्रीय खेलों को लेकर निर्णय जल्दी लेने के लिए चीफ सेक्रेटरी की अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी का गठन किया गया है।
गन्ना विकास: यूपी के बराबर 5.50 रुपये प्रति कुंतल कमीशन गन्ना समितियों को मिलेगा।
रुद्रपुर के ग्राम बागवाला में पीएम आवास प्रोजेक्ट के लिए 15 हैक्टेयर जमीन आवास विभाग के बजाय प्राधिकरण के नाम होगी।
उद्योग: अगर व्यक्ति 80 प्रतिशत जमीन खरीद सकता है और 20% नहीं खरीद पाता तो सरकार अधिग्रहण करके देगी।
कौशल विकास: कर्नाटक के मॉडल की तर्ज पर राज्य में टाटा टेक्नोलॉजी 13 आईटीआई को अडॉप्ट करेगा। इंडस्ट्री की मांग के हिसाब से ऐसे कोर्स चलाएगा। सरकार भी कुछ पैसा लगाएगी। साथ ही प्रदेश में मॉडर्न आईटीआई बनेंगे।
आईटीबीपी को जमीन का मामला: देहरादून में खैरी मानसिंग का प्रस्ताव परीक्षण के बाद दोबारा कैबिनेट में आएगा।
चौरासी कुटिया के मास्टर प्लान व डिजाइन के लिए वाराणसी व उज्जैन का मॉडल बनाने वाली कंपनी की मदद से होगा।
आवास विभाग: हरिद्वार और ऋषिकेश की पुनर्विकास योजना को मंजूरी। दोनों का मास्टर प्लान बन रहा है जो छह माह में तैयार हो जाएगा।
उच्च शिक्षा: मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना में बदलाव किया गया है।
उच्चतर शिक्षा समूह की नियमावली आई है जिसमें कई संशोधन हुए हैं।
तेजाब की घटनाओं पर केंद्र सरकार के नियमों के तहत उत्तराखंड विष कब्जा एवं विक्रय नियमावली का अनुमोदन हुआ है।
उत्तराखंड: पहाड़ पर उद्योग लगाने वालों के लिए बड़ा ऐलान, कैबिनेट के बड़े फैसले